भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर राजधानी भोपाल के हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में जूनियर डॉक्टर सुबह से ही हड़ताल पर हैं। इनका कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों की सेवा की है। करीब 80 डॉक्टर इस बीमारी की चपेट में आए हैं। कुछ डॉक्टर दो-दो बार संक्रमित हो चुके हैं। इसके बाद भी सरकार ने अब तक उनके इलाज पर खर्च हुई राशि की प्रतिपूर्ति नहीं की है। यह हाल तब है जब खुद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कई बार अधिकारियों को इसके निर्देश दिए हैं। ऐसे में मजबूरी में उन्हें हड़ताल करनी पड़ रही है।
जूडा अध्यक्ष डॉ अरविंद मीणा ने कहा कि इलाज के दौरान जूनियर डॉक्टरों को करीब 30,000 रुपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदना पड़ा है। सरकार अगर कोरोना योद्धाओं के लिए राशि का प्रावधान नहीं करेगी तो इस तरह की संक्रामक बीमारियों से निपटना मुश्किल हो जाएगा।
उधर जूडा की हड़ताल की जानकारी विभाग के आला अफसरों को मिलने के बाद वह देर रात तक जूनियर डॉक्टरों को मनाने में लगे रहे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
ओपीडी में नहीं आएगी कोई दिक्कत
हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ आईडी चौरसिया ने कहा कि ओपीडी में मरीजों को कोई भी दिक्कत नहीं आएगी। एक तो यह कि कोरोना संक्रमण के चलते मरीजों की संख्या ओपीडी में कम है। साथ ही सभी चिकित्सकीय विभागों के कंसल्टेंट हर दिन की तरह ओपीडी में सेवाएं दे रहे हैं। सीनियर रेसिडेंट भी उनका सहयोग करेंगे। साधारण ऑपरेशनों को जरूर टाल दिया गया है।