भागवत कथा में श्रीकृष्ण रुक्मणि विवाह की सुनाई कथा

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नगर के वार्ड नंबर 25 प्रेम नगर में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान में एकता महिला मंडल के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह सोमवार से शुरु जारी हैं। कथा वाचन बम्हनी बंजरा मंडला के कथा व्यास पंडित परिणित कृष्णा दुबे द्वारा किया जा रहा हैं। सातवें दिन रविवार को रुक्मणि विवाह व रास लीला की कथा सुनाईं। महाराज ने कथा सुनाते हुए बताया कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणि के विवाह उत्सव में शामिल होते है उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि राजा भीष्मक ने अपने पुत्र रुक्म के कहने पर रुक्मणि का विवाह चेदिराज शिशुपाल से तय कर लिया था। रुक्म शिशुपाल का खास मित्र था, इसलिए वह अपनी बहन का विवाह उससे कराना चाहता था। दूसरी ओर रुक्मणि भले ही श्रीकृष्ण से कभी नहीं मिली थीं, लेकिन वह उन्हें दिल से चाहती थीं। इसलिए उन्हें यह रिश्ता पसंद नहीं आया। भगवान श्रीकृष्ण स्वयं जब रुक्मणि दुर्गा माता के मंदिर में पूजा अर्चना करने गई वहां से लेकर उन्हें अपनी राजधानी लेकर आ गए और विवाह संपन्न करवाया गया। महाराज ने कथा के दौरान बताया कि कृष्ण की मनमोहक अदाओं पर गोपियां यानी बृजबालाएं लट्टू थीं। कान्हा की मुरली का जादू ऐसा था कि गोपियां अपनी सुतबुत गंवा बैठती थीं। कथा सुनने काफी संख्या में भीड़ उमड़ रही है। आज 15 जनवरी को सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, हवन पूजन होगा। जिसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया है।

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