कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अमेरिकी प्रशासन अगले सप्ताह से ही बूस्टर डोज देने की तैयारी कर रहा था। एफडीए के विशेष पैनल ने इस सिफारिश को खारिज करते हुए कहा है कि अभी फाइजर व अन्य स्थानों का डाटा यह साबित नहीं करता है कि तीसरी खुराक या बूस्टर डोज लेने से संक्रमण का प्रसार रोका जा सकता है। अब फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के स्पेशल पैनल ने प्रशासन की इस सिफारिश को खारिज कर दिया है। एफडीए ने अब 65 या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों और कोरोना के उच्च खतरों वाले लोगों को ही फाइजर का बूस्टर डोज देने की सिफारिश की है। इनमें भी बूस्टर डोज ऐसे लोगों को दिया जाएगा, जिनको दोनों ही खुराक लिए छह माह से ज्यादा हो गया है। अमेरिका में बाइडन प्रशासन सभी ऐसे वयस्कों को बूस्टर डोज देने की तैयारी कर रहा था, जिन्हें वैक्सीन की दोनों खुराक लिए आठ माह या उससे ज्यादा हो गया है।
पैनल की आखिरी सिफारिश में यह कहा गया
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ की समिति के सदस्य डा. माइकल कुरिला ने कहा है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सभी को बूस्टर डोज देने की जरूरत है। पैनल की अंतिम सिफारिश में व्हाइट हाउस के इस तर्क को लेकर अभी भी गुंजायश है कि कोरोना के गंभीर खतरे के दायरे में आने वाले लोगों को वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जा सकता है। इससे लाखों अमेरिकी बूस्टर डोज लेने के पात्र हो सकते हैं। एफडीए की इस सिफारिश को उन लोगों ने सही ठहराया है जो शुरू से ही बूस्टर डोज देने के निर्णय की आलोचना कर रहे थे।