शुरुआती लक्षणों को पहचानकर काबू में कर सकते हैं ब्लैक फंगस

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ब्लैक फंगस नाक के रास्ते शरीर के प्रवेश करता है। इसके पहले चरण में संक्रमण नाक में होता है फिर दूसरे चरण में यह साइनस में प्रवेश करता है। तीसरे चरण में आंखों में आता है और चौथे चरण में जब यह काबू से बाहर हो जाता है तो दिमाग में प्रवेश करता है। शुरुआती दौर में ही इसके लक्षणों को जानकर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है।

यह बात नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. प्रणय सिंह ने म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) विषय पर हुए वेबिनार में कही। क्रिएट स्टोरीज सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित किए गए वेबिनार में डा. प्रणय सिंह ने कहा कि सबसे पहले यह नाक के द्वारा साइनस में प्रवेश करता है तो इसके शुरुआती लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार, नाक बंद होना, नाक से पानी आना, नाक में सूजन, नाक के आस-पास साइनस की हड्डियों के पास सूजन आना, दर्द होना है।

जब यह आंखों में प्रवेश करता है तो पलकें नीचे हो जाती हैं, आंखों का मूवमेंट बंद हो जाता है, डबल विजन इसके बाद आंखों की रोशनी जाना और जब रोग यहां भी काबू में नहीं आता तो बेहोशी आना, तेज सिर दर्द, चक्कर आने लगते हैं।

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