सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को वन रैंक वन पेंशन के तहत एयियर यानी बकाया राशि का भुगतान करने के लिए निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि योग्य फैमिली पेंशनर्स और गैलेंट्री अवॉर्ड विजेताओं को 30 अप्रैल, 2023 तक एरियर का भुगतान करें। 70 साल से अधिक उम्र के योग्य पेंशनर्स को 30 जून 2023 तक और बाकी सभी योग्य पेंशनर्स को 30 अगस्त 2023, 30 नवंबर 2023 और 28 फरवरी 2024 से पहले बराबर किश्तों में भुगतान करें।
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लिया सीलबंद जवाब
रिटार्यड रक्षा कर्मियों के पेंशन एरियर वाले इस मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में जवाब दिया था। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसे लेने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस नोट को दूसरे पक्ष यानी रिटायर्ड सैनिकों के वकील के साथ भी शेयर करना होगा।
केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अर्टानी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि ये कॉन्फिडेंशियल है। इसपर CJI ने कहा कि हम कोई कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट या सीलबंद कवर स्वीकार नहीं करेंगे। मैं पर्सनल रूप से सीलबंद कवर के खिलाफ हूं। कोर्ट में ट्रांसपेरेंसी होनी चाहिए। यह आदेशों के पालन की बात है, इसमें कोई सीक्रेट क्यों होना चाहिए? मैं सीलबंद कवर की प्रथा को खत्म करना चाहता हूं।
न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ हैं सीलबंद जानकारी: CJI
CJI ने कहा कि सीलबंद लिफाफे में दी गई जानकारी को हम तो देख लेते हैं लेकिन दूसरा पक्ष नहीं देख पाता। हम उसे जानकारी दिए बिना ही मामले का फैसला कर लेते हैं। ये न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है। कोर्ट में गोपनीयता नहीं हो सकती। कोर्ट में पारदर्शिता होनी चाहिए।
CJI ने आगे कहा कि अगर जानकारी से किसी की जिंदगी खतरे में आती है या इंफोर्मेशन सोर्स प्रभावित होता है तो गोपनीयता की जरूरत समझ में आती है। लेकिन ये बकाया पेंशन के भुगतान करने का मामला है। इसमें क्या गोपनीयता हो सकती है।
इसके बाद अर्टानी जनरल ने सबके सामने ये नोट पढ़कर सुनाया। उन्होंने पढ़ा- बजट के मुताबिक, हम (सरकार) एक बार में इतना बड़ा खर्च करने की क्षमता नहीं रखते हैं। हमारे पास संसाधन सीमित हैं और खर्चों को नियंत्रित करना जरूरी है। इस मामले में हमने फाइनेंस मिनिस्ट्री से बात की थी। मंत्रालय का कहना था कि वह एक बार में इतना बड़ा खर्च नहीं कर पाएगा। ’