इंदौर में एमआर 9, एमआर 10 और आरई-2 के अधूरे काम के लिए टेंडर जारी

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इंदौर Indore News। एमआर-09, एमआर-10 और आरई-02 के अधूरे काम की निगरानी के लिए हाई कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को स्टेटस रिपोर्ट पेश कर दी। इसमें बताया है कि ज्यादातर सड़कों के लिए टेंडर निकाल दिए हैं, कुछ के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। एमआर 9 को एमआर 10 से जोड़ने वाला हिस्सा करीब दस करोड़ रुपये में बनेगा। कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट रिकार्ड पर लेते हुए बहस के लिए अगले सप्ताह की तारीख तय कर दी। गौरतलब है कि एमआर-9, एमआर-10 के अधूरे काम और इन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका चल रही है।

पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता रवींद्र सिंह छाबड़ा और एडवोकेट मुदित माहेश्वरी ने याचिका की सुनवाई के दौरान तर्क रखा कि इन मार्गों के साथ आरई-2 का अधूरा काम पूरा कर लिया जाए तो शहर की लाखों जनता को फायदा मिल सकता है। इस पर कोर्ट ने कलेक्टर, निगमायुक्त और आइडीए सीईओ की एक कमेटी बनाकर इन मार्गों के अधूरे काम और अतिक्रमण की निगरानी करने के आदेश दिए थे। शुक्रवार को समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी। तीन पेज की रिपोर्ट में अलग-अलग सड़क की विस्तृत जानकारी दी गई है। कोर्ट अब अगले सप्ताह इस मामले में बहस सुनेगी।

रिपोर्ट में यह जानकारी दी है

एमआर-10 से एमआर-9 को जोड़ने वाला हिस्सा : उक्त मार्ग की लंबाई 1.09 किमी है। प्रथम चरण के निर्माण के लिए 9.942 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। आनलाइन निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। निविदा भरने की अंतिम तिथि 8 मार्च 2021 है।

एमआर-9 से कनाडिया : इस मार्ग की लंबाई एक किमी है। यह किसी योजना में शामिल नहीं है। इसे गैर योजनामद के अंतर्गत किया जाना जरूरी है। प्रथम चरण के लिए 8.640 करोड़ की गैर योजना में स्वीकृति प्रदान की गई है।

कनाडिया मार्ग से बिचौली हप्सी मार्ग : लंबाई 1.7 किमी है। प्रथम चरण के निर्माण के लिए 14.698 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

एमआर-9 से एमआर-10 को जोड़ने वाला लिंक मार्ग : इस मार्ग का कुछ हिस्सा योजना क्रमांक 171 में शामिल है। मार्ग का 0.20 किमी भाग योजना की मुक्त भूमि पर है। गैर योजना मद से 8.89 करोड़ की स्वीकृति के लिए पत्र जारी किया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा है कि नगर निगम ने आरई-2 के निर्माण के लिए एक निजी कंपनी को कार्यादेश जारी कर दिया है। आरई-2 निर्माण के लिए टोपोग्राफिक सर्वे का काम भी पूरा कर लिया है। बेटरमेंट टैक्स के लिए सड़क के दोनों तरफ 500 मीटर चौड़ाई में संपत्तियों के सर्वे का 80 प्रतिशत काम कर लिया गया है। बेटरमेंट शुल्क की पहली किस्त जमा कराते ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

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