कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान भले ही जिले के भीतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली का आलम दिखाई दिया हो, लेकिन वर्षों पहले दुर्घटना पीड़ितों के इलाज के लिए बनाए गए ट्रामा सेंटर से तब्दील हुए में प्रसूति अस्पताल कोविड काल मे प्रसुक्ता और उनके नवजात शिशुओं के लिए जैसे वरदान साबित हुआ। भले ही एक और जिला अस्पताल में ऑक्सीजन सहित अन्य समस्या की मारामारी के बीच लोगों की साँसे थमते गई हो म, लेकिन दूसरी और ट्रामा सेंटर में किलकारी गूंजने का क्रम नहीं रुका।
ट्रामा सेंटर से मिले आंकड़ों के अनुसार मार्च महीने में 559 और अप्रैल महीने में 541 डिलीवरी ट्रामा सेंटर में करवाई गई। इस दौरान बड़ी बात यह रही की 38 कोरोना पॉजिटिव महिलाओं की सफलता पूर्वक डिलीवरी करवाई गई। जिसमे 34 नॉर्मल और 4 सिजेरियन तक करने की जरूरत पड़ी।
आपको बता दें कि इस संक्रमण काल के दौरान ट्रामा सेंटर में प्रसूति का आंकड़ा बीते वर्षो और बीते महीनों की तुलना में कहीं भी कम नहीं रहा। बात कह दी जनवरी 2021की जाए तो ट्रामा सेंटर में 559 और फरवरी में 485 महिलाओं की डिलीवरी करवाई गई थी।
यह आंकड़ा कहीं से भी मार्च और अप्रैल महीने की तुलना में कम दिखाई नहीं दे रहा, हालांकि अभी मई माह का आंकड़ा ट्रामा सेंटर को प्राप्त नहीं हुआ है। लेकिन मिल रही जानकारी के अनुसार मई माह में भी डिलीवरी का आंकड़ा बीते महीने के समान ही रहा।
हल्की कोरोना काल के दौरान कुछ खबरें भी आई कि कुछ महिलाओं को बिना कोविड जांच करवाएं ट्रामा सेंटर के भीतर प्रवेश नहीं दिया गया, लेकिन सारी नेगेटिव के बीच एक पॉजिटिव बात नहीं निकलकर आई ट्रामा सेंटर में कोरोना काल के भीतर बेहतर काम किया गया।