हत्या के आरोप में सुनील टेकाम को आजीवन कारावास

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बालाघाट विद्वान सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद्र थपलियाल की अदालत ने हत्या के मामले में आरोपी सुनील पिता रामलाल पूर्व भगत उर्फ मंगल टेकाम उम्र 40 वर्ष वार्ड नं 1 सिवनी कैंप मंगला झोपड़ा थाना भरवेली निवासी को आजीवन कारावास और 6 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किए। इस आरोपी के विरुद्ध अशोक वाघमारे की हत्या करने का आरोप था।
अभियोजन के अनुसार सुनील टेकाम 3 साल से अपनी पत्नी छोटी बाई से अलग होकर भरवेली में पप्पू चिकन शॉप वाले की दुकान में काम करता था और वही रहता था। जिनके दो बच्चे हैं आशीष एवं अंशिका टेकाम दोनों बच्चे अपनी मां छोटी बाई के साथ में रहते थे। उनके साथ ही आंवलाझरी कटिंग टोला निवासी अशोक वाघमारे 3 साल से रहता था। 11 अगस्त 2020 के सुबह करीब 9 बजे छोटी बाई और अशोक वाघमारे के बीच मामूली विवाद हो गया था जिससे नाराज होकर अशोक वाघमारे अपने घर आंवलाझरी कटिंगटोला चला गया था। शाम 8: बजे करीब छोटी बाई और उसकी भांजी सुनीताबाईके साथ अशोक को लेने के लिए कटिंगटोला गई थी फिर अशोक को लेकर अपनी भांजी सुनीता के साथ रात्रि 10 बजे अपने घर मंगल झोपड़ा भरवेली पहुंची। वहां पर पहले से ही सुनील टेकाम मौजूद था और बच्चे आशीष टेकाम एवं लड़की अंशिका घर पर ही थे। सुनील टेकाम ने अशोक घोरमारे से बोला कि तू यहां क्यों आया है कह कर सुनील टेकाम ने जान से मारने की नियत से अशोक वाघमारे को चाकू मारने लगा ।अशोक वाघमारे जान बचाने के लिए भागने लगा। सुनील टेकाम के द्वारा अशोक वाघमारे को सीने व पीछे कमर में चाकू मारा जिससे वह जमीन पर गिर गया बीच-बचाव करने के लिए छोटी बाई आई बीच बचाव करते समय छोटी बाई की बाई आंख के ऊपर चोट लगी है। खून निकलने लगा सुनील टेकाम, अशोक वाघमारे को चाकू मारकर वहां से फरार हो गया।जिसके थोड़ी देर बाद अशोक बाघमारे की मौत हो गई। इस मामले की छोटी बाई टेकाम द्वारा की गई रिपोर्ट पर उसके पति सुनील टेकाम के विरुद्ध धारा 302 324 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया और इस अपराध में सुनील टेकाम को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया गया और विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। यह मामला विद्वान सत्र न्यायाधीश दिनेशचंद थपलियाल की अदालत में चला जहां, अभियोजन पक्ष आरोपी सुनील टेकाम के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर सुनील टेकाम को धारा 302 भादवी के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 5000 रुपए अर्थदंड, धारा 324 भादवि के तहत अपराध में 6 माह की सश्रम कारावास और 1000 रुपएअर्थदंड से दंडित किए। इस मामले में शासन की ओर से लोक अभियोजक एम एम द्विवेदी ने पैरवी की थी।

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