जिले में दो कौओं के नमूनों में पाया गया बर्ड फ्लू का वायरस

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राज्य स्तरीय प्रयोगशाला भोपाल में बालाघाट जिले के दो कौओं के नमूनों में बर्ड फ्लू का वायरस पाया गया है। यह कौए बिरसा तहसील के ग्राम टिंगीपुर में मृत पाये गये थे और 11 जनवरी को उनके सेंपल भोपाल भेजे गये थे। इसी सिलसिले में बालाघाट जिले में बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए 18 जनवरी को कलेक्टर दीपक आर्य की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया था।

बैठक में उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें द्वारा बताया गया कि टिंगीपुर में 52 कौओं मृत पाये गये थे। उनमें से रेंडमली दो कौओं के सेंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गये थे। जांच में दो कौओं में बर्ड फ्लू का वायरस पाया गया है। 

लेकिन जिले की मुर्गियों एवं पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं पाये गये है। जिले में अब तक पक्षियों से मनुष्य में बर्ड फ्लू के संक्रमण का कोई प्रकरण नहीं पाया गया है।

कलेक्टर श्री आर्य ने कहा कि बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए जिले में सभी तरह की सावधानियां एवं एहतियात बरतने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में व्यवसाय के लिए अन्य जिलों से लाये जाने वाले पक्षियों की जांच की जाये। इसके लिए राजनांदगांव, गोंदिया एवं भंडारा जिले के सीमावर्ती नाकों पर पक्षियों की जांच प्रारंभ की जाये।

नाकों पर बाहर से लाये जाने वाले पक्षियों की स्क्रीनिंग की जाये और संदिग्ध पाये जाने पर उनके सेंपल लिये जायें। नाकों पर पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारी तैनात रहें और अन्य जिलों से लाये जाने वाले पक्षियों पर निगरानी रखें। नगरीय क्षेत्रों में भी सुअरों के घूमने पर रोक लगाने के निर्देश दिये गये।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया कि बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए जरूरी दवाओं का इंतजाम करें।

बैठक में वन विभाग के अधिकारियों से कहा गया कि वन क्षेत्र में पक्षियों के मरने पर उन्हें छूना नहीं है और मृत पक्षियों को जला देना है या गहरे में दफन कर देना है। पशु चिकित्सा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग एवं नगरीय निकायों को बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए रेपिड रिस्पांस टीम गठित करने के निर्देश दिये गये।

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