सेलवटपार और साकड़ी नाले से ग्रामीण जन परेशान

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वारासिवनी अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत डोंगरमाली से सकड़ी उच्च स्तरीय फुल तक मार्ग पर दो नाला पड़ता है जिसमें सेलवटपार नाला और साकडी नाला जो थोड़ी सी बरसात में जलमग्न हो जाते हैं। ऐसे में करीब दो दर्जन पंचायत का संपर्क खैरलांजी वारासिवनी व गोंदिया मुख्यालय से टूट जाता है। जिससे उक्त ग्राम के ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और ऐसा अधिकतर बरसात के दौरान होता है जहां थोड़ी सी बारिश में नाले के ऊपर पानी बहने लगता है आवागमन अवरुद्ध हो जाता है। जबकि यह मार्ग सीधे डोंगरमाली को महाराष्ट्र गोंदिया से जोड़ता है जिस पर सरकार के द्वारा करोड़ो रुपए की लागत से उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया गया है परंतु इस मार्ग के छोटे नालों पर किसी प्रकार का कार्य न होने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

मार्ग पर बड़ा है यातायात का दबाव

यहां यह बताना लाजिमी है कि साकडी स्थित वैनगंगा नदी पर शासन के द्वारा उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कराया गया है जो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को जोड़ता है। यह गोंदिया के लिए समीप का मार्ग है ऐसे में वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र के लोग इस मार्ग से अत्यधिक मात्रा में आवागमन करते हैं। परंतु मार्ग की और मार्ग के नालों की स्थिति यथावत बनी हुई है जिसमें शासन प्रशासन के द्वारा ध्यान देकर मार्ग की चौड़ाई और नालों की ऊंचाई बढ़ाने पर कार्य नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण सड़क हादसे एवं बारिश में मार्ग अवरुद्ध होने की समस्या बनी हुई है।

साकडी पाचुटोला नाले का नहीं हुआ सुधार कार्य

वारासिवनी से साकडी उच्च स्तरीय मार्ग तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई बहुत कम है वही इस मार्ग पर अधिकांश नाले स्थित है। जिसमें कुछ नालों की बहुत कम ऊंचाई होने के कारण समस्या बनती रहती है परंतु इसी मार्ग पर साकडी के पहले पंचूटोला के पास में एक नाला क्षतिग्रस्त अवस्था में है जिसकी शिकायत ग्रामीणों के द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग को भी की गई थी परंतु उसका अभी तक सुधार कार्य नहीं किया गया है। जिसके कारण उस मार्ग पर छोटे चार पहिया वाहन ही आवागमन कर रहे हैं भारी वाहन नहीं निकल पा रहे हैं और पूर्व में एक ट्रक के द्वारा प्रयास किया गया था परंतु वह भी नाले में पलट गया था। इसके बाद से उक्त नाले के क्षतिग्रस्त हिस्से के सुधार कार्य की ग्रामीणों के द्वारा मांग की जा रही है जिसमें पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा मौका निरीक्षण कर कार्य को करने की बात कही जा रही है।

राहगीर मनोज हेडाऊ ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि यह डोंगरमाली के पास का पुलिया है जिसकी हाइट बहुत कम है और यह मार्ग डोंगरमाली मेंढकी होते हुए वारासिवनी से जोड़ता है। बारिश में पानी आता है तो थोड़ी सी बारिश में यह और साकडी के पास का नाला जलमग्न हो जाते हैं जिससे 20 से 25 ग्राम का संपर्क टूट जाता है। ऐसे में बहुत ज्यादा समस्या ग्रामीणों को करना होता है क्योंकि हमारा संपर्क घोटी आरंभा खैरलांजी ब्लॉक डोंगरमाली और वारासिवनी से टूट जाता है। हमारे यहां वैनगंगा नदी पर बड़ा पुल बना है पर उसे जोड़ने के लिए जो साधन है वह आज भी छोटे हैं जिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

ग्रामीण संतलाल लिल्हारे ने बताया कि मैं डोंगरमाली में 15 वर्ष से निवासरत हूं और यह समस्या को देख रहा हूं पुलिया कब बना इसकी जानकारी नहीं है पर यह पुलिया जलमग्न हो जाता है हल्की सी बारिश में जिसके बाद लोगों को समस्या का सामना करना होता है। पिछली बार डिलेवरी वाली महिला डोंगरमाली आना चाहती थी पर नाले पर पानी होने से वह अस्पताल नहीं आ पाई। श्री लिल्हारे ने बताया कि पलिया में अभी भी पानी भरा हुआ है क्योंकि छटाव नहीं हो पा रहा है नदी पास में है। नदी में जब पानी होता है तो नाले का पानी रुक जाता है यह पुलिया बहुत नीचे है आवागमन के लिए वैनगंगा पर करोड़ों का पुल बना दिया गया है पर यहां की कोई नहीं सोच रहा है। वारासिवनी डोंगरमाली आरंभा बाजार है जहां पर बेनी सतोना साकडी यह गांव मूल सब्जी पैदा करते हैं और बाजार लाते हैं। परंतु वह सब्जी तोड़ते हैं और फिर पानी आने पर नाल भर जाता है जिससे आवागमन बंद हो जाता है प्रशासन को इधर ध्यान देना चाहिए।

डोंगरमाली सरपंच मनोज लिल्हारे ने बताया कि साकडी पुल सरकार में बनाकर बहुत पैसा खर्च किया है पर हम देखते हैं कि सेलवटपार और साकडी नाला दोनों अल्प बारिश में पैक हो जाते हैं आवामन प्रभावित होता है। इनको भी बनाते समय निश्चित ध्यान रखे होंगे पर क्षेत्र के प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अभी देखने में आ रहा है कि बेवकूफ बनाने की मशीन में हमारे क्षेत्र के लोगों को डालकर बेवकूफ बनाया जा रहा है विकास के नाम पर केवल लोटा पीट रहे हैं। श्री लिल्हारे ने बताया कि रोड पर चलना दुर्भर है पहेली के बच्चे व कॉलेज के बच्चे को अलग ड्रेस लगेगा यह स्वाभाविक बात है इस मार्ग पर आवागमन बड़ा है मेरी 40 साल की उम्र है परंतु रोड उस समय जैसा था वैसा आज भी है केवल चादर पहना रहते हैं। साकडी पंचूटोला के बीच पुलिया टूटा है जिसकी शिकायत पीडब्ल्यूडी को की थी वहां पर एक ट्रक भी पलट गया है बड़ी गाड़ी आना-जाना नहीं करती है परंतु आज तक उसका सुधार कार्य नहीं हुआ। जब यही स्थिति रहना है तो साकडी में इतने बड़े इन्वेस्टमेंट का क्या मतलब है साकडी पुल का तभी मतलब है जब इस मार्ग पर ध्यान दिया जाएगा और इसे चौड़ा कर नालों की हाइट बढ़ाई जायेगी।

इनका कहना है।

साकडी से पंचूटोला के मध्य क्षतिग्रस्त पुल के संबंध में जानकारी ली जा रही है और जल्द ही मौका निरीक्षण कर सुधार कार्य कर दिया जायेगा। वहीं अन्य विषयों पर अधिकारियों से चर्चा की जायेगी।

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