सेवादारों ने भय्यू महाराज को इतना प्रताड़ित किया था कि उन्होंने आत्महत्या कर ली, सभी को छह-छह साल की सजा

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शरद और विनायक कह रहे हैं कि पलक मीडिया के पास जा रही है

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। जो सेवादार भय्यू महाराज के लिए परिवार से बढ़कर थे, जिन पर उन्हें इतना विश्वास था कि उनके भरोसे उन्होंने अपने आश्रम और कामकाज सौंप रखे थे, उन्हीं सेवादारों ने उन्हें पैसों के लिए इतना प्रताड़ित किया कि मजबूरी में उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाना पड़ा। प्रदेशभर में चर्चित रहे भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में करीब साढ़े तीन साल की सुनवाई के बाद शुक्रवार को आखिर फैसला आ ही गया। सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने महाराज के सेवादार रहे शरद देशमुख, विनायक दुधाले और पलक पुराणिक को महाराज को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में छह साल कठोर कारावास की सजा सुनाई।

कोर्ट ने माना कि आरोपित महाराज को पैसों के लिए प्रताड़ित करते थे। आरोपितों ने महाराज के कुछ फोटो और वीडियो बना लिए थे। इन्हें दिखाकर वे उन्हें पैसों के लिए ब्लैकमेल करते थे। कोर्ट ने प्रकरण में महाराज की पत्नी आयुषी और दोनों बहनों की गवाही को महत्वपूर्ण माना है। आत्महत्या से पहले महाराज ने बहन मधुमति से फोन पर कहा था कि आरोपित उसे प्रताडित कर रहे हैं और उन्होंने डिप्रेशन का फायदा उठाकर कुछ दस्तावेज तैयार कर लिए हैं। आरोपित विनायक और शरद ने कहा हैं कि पलक मीडिया के पास जा रही है। अक्का मेरी इच्छा हो रही है कि मैं खुद को गोली मार लूं। आयुषी ने कोर्ट को बताया कि पलक ने महाराज को धमकी दी थी कि मुझसे शादी नहीं की तो दाती महाराज की तरह घूमना पडेगा। मैं दुष्कर्म के आरोप में फसा दूंगी

भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को स्प्रिंगवैली स्थित घर में कनपट्टी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग बिंदुओं पर जांच के बाद 18 जनवरी 2019 को महाराज के सेवादार रहे विनायक दुधाले, शरद देखमुख और पलक पुराणिक को गिरफ्तार किया था। तीनों पर आरोप था कि उन्होंने महाराज को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया। आरोपित महाराज को पैसों के लिए ब्लैकमेल करते थे। उन्होंने संगमत होकर षडयंत्र रचा और मजबूरी में महाराज को आत्महत्या करना पड़ी। प्रकरण में सभी पक्षकारों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था जो शुक्रवार को जारी हुआ। शुक्रवार भोजनावकाश से पहले तीनों आरोपितों वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल से पेशी हुई। सत्र न्यायाधीश ने उन्हें बताया कि उनके खिलाफ अपराध साबित पाया गया है। कोर्ट ने सजा के प्रश्न पर आरोपितों का पक्ष सुना और दोपहर बाद तीनों आरोपितों को छह साल कठोर कारावास की सजा सुना दी।

इन्होंने रखा पक्ष

आरोपित पलक की तरफ से वरिष्ठ अभिभाषक अविनाश सिरपुरकर, शरद की तरफ से एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर, विनायक की तरफ से एडवोकेट आशीष चौरे और इमरान कुरैशी ने पैरवी की। अभियोजन की तरफ से जीपी विमल मिश्रा और एजीपी गजरासिंह सोलंकी ने पैरवी की।

आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने और ब्लैकमेलिंग का आरोप था

तीनों आरोपित महाराज के करीबी थे। महाराज का तीनों पर बहुत भरोसा था। विनायक को वे अपने भाई जैसा मानते थे। आश्रम की व्यवस्था और पैसों का लेनदेन भी इसी के जिम्मे था। महाराज कोई भी बड़ा फैसला अपने इन सेवादारों से चर्चा के बाद ही लेते थे। पुलिस ने शरद, विनायक और पलक के खिलाफ महाराज को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने और उन्हें ब्लेकमेल करने का षडयंत्र रचने के आरोप में धारा 306, 384 और 120बी के तहत केस दर्ज किया था।

बहनों की गवाही को माना महत्वपूर्ण

प्रकरण में 35 गवाहों के बयान दर्ज हुए थे। इनमें से 32 अभियोजन की तरफ से और तीन आरोपितों की तरफ से प्रस्तुत किए गए थे। 56 पेज के फैसले में कोर्ट ने इस मामले में महाराज की दोनों बहनों मधुमति और अनुराधा के बयानों को महत्वपूर्ण माना है। दोनों बहनों ने कोर्ट को बताया था कि शरद, विनायक और पलक उन्हें महाराज से बात नहीं करने देते थे। आत्महत्या से पहले महाराज ने बहनों को फोन कर आरोपितों द्वारा प्रताड़ित करने की बात भी बताई थी।

यह कहा था कोर्ट में मधुमति ने

महाराज की बहन मधुमति ने कोर्ट को बताया कि आत्महत्या वाले दिन महाराज ने उससे फोन पर बात की थी। महाराज ने उससे कहा था कि मेरे डिप्रेशन का फायदा उठाकर इन लोगों ने कुछ दस्तावेज तैयार करवाए हैं। शरद और विनायक कह रहे हैं कि पलक मीडिया के पास जा रही है तो अक्का मेरी इच्छा हो रही है कि मैं खुद को गोली मार लूं या कहीं निकल जाऊं।

यह कहा कोर्ट में अनुराधा ने

महाराज की दूसरी बहन अनुराधा ने कोर्ट में बताया था कि गोली मारने से पहले महाराज ने उसे वाट्सअप काल कर कहा था कि पलक, विनायक और शरद ने मेरा जीना हराम कर दिया है। मुझे ब्लेकमेल कर धमकियां देते हैं और नशीली दवाइयां खिलाकर मानसिक प्रताडना देते हैं। इस कारण

आयुषी के बयानों को माना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण

56 पेज के फैसले में कोर्ट ने महाराज की पत्नी आयुषी के बयानों को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना है। आयुषी ने कोर्ट को बताया था कि 11 जून को महाराज ने उससे कहा था कि पलक बार-बार मुझे धमकी दे रही है कि 16 तारीख याद है और पलक मुझे उसका मैसेज देकर गया है कि अगर 16 जून को शादी नहीं की तो दाती महाराज की तरह घूमना पडेगा। महाराज ने आयुषी यह भी कहा था कि पलक उन्हें बार-बार मीडिया में जाने दुष्कर्म के आरोप में फंसाने का बोल रही है।

डेढ लाख रुपये महीना देते थे महाराज, ढाई लाख मांग रही थी

बयानों में यह बात भी सामने आई थी कि महाराज आरोपित पलक को डेढ लाख रुपये महीना भिजवाते थे। पलक के पिता ने गुरु पूर्णिमा पर चंदे की फर्जी रसीदों के जरिए लोगों से वसूली की थी। यह बात जब महाराज को पता चली थी तो उन्होंने इसका विरोध किया और पलक को फोन लगाया कि मैं तुम्हें इतना पैसा भिजवा रहा हूं फिर भी तुम्हारे पिता ऐसी हरकत कर रहे हैं। इस पर पलक ने कहा था कि मेरे पिता अब ऐसा नहीं करेंगे लेकिन तुम्हें अब ढाई लाख रुपये भिजवाना होंगे।

भय्यू महाराज आत्महत्या मामला

12 जून 2018 – महाराज ने गोली मारकर आत्महत्या की

18 जनवरी 2019 – तीनों आरोपितों की गिरफ्तारी हुई

18 मार्च 2019 – अभियोजन ने 400 पेज का चालान पेश किया

35 – गवाहों के बयान हुए प्रकरण में इनमें आरोपितों के तीन गवाह थे

चार – अलग-अलग न्यायधीशों के समक्ष हुई प्रकरण की सुनवाई

150 – पेशियां हुई चालान पेश होने के बाद

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